सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया को एक बड़ा झटका दिया है। ये मामला उनके उस विवादास्पद बयान से जुड़ा है, जो उन्होंने स्टैंडअप कॉमेडियन समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में पेरेंट्स के बारे में किया था। इस बयान पर कोर्ट ने न सिर्फ नाराजगी जताई, बल्कि रणवीर को कड़ी फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा कि “इनके दिमाग में गंदगी भरी है,” और ऐसे व्यक्ति का मामला सुनने का कोई मतलब नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “आप पॉपुलर हैं, इसका मतलब ये नहीं कि आप किसी भी तरह की टिप्पणी करें। आप लोगों के माता-पिता की बेइज्जती कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि आपके दिमाग में गंदगी है।” कोर्ट ने कहा कि इस तरह के विकृत मानसिकता के प्रदर्शन से पूरा समाज शर्मिंदा होगा।
इसके अलावा, कोर्ट ने रणवीर अलाहबादिया को आदेश दिया कि वे बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जा सकते। उन्हें अपना पासपोर्ट पुलिस स्टेशन में जमा करने के लिए भी कहा गया है।
हालांकि, कोर्ट ने रणवीर के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के संबंध में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। साथ ही, कोर्ट ने उनकी याचिका पर नोटिस जारी करते हुए महाराष्ट्र, असम और जयपुर में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने का निर्देश दिया और गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी। रणवीर को यह भी आदेश दिया गया कि वे जांच में पूरी तरह सहयोग करें।

विवाद की शुरुआत
यह पूरा विवाद इंडियाज गॉट लेटेंट शो के उस एपिसोड से शुरू हुआ, जिसमें रणवीर अलाहबादिया एक गेस्ट जज के तौर पर शामिल हुए थे। इस शो में उन्होंने एक कंटेस्टेंट से उसके पेरेंट्स की सेक्स लाइफ के बारे में विवादित सवाल पूछा। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और देखते ही देखते लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। इसके बाद, असम से लेकर जयपुर तक रणवीर के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गईं।
इस विवाद ने यूट्यूबर के खिलाफ देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी है, और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है।