लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill) पेश किया गया, जिस पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने सरकार की मंशा स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन अब आवश्यक हो गया है क्योंकि यह भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का केंद्र बन गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत वक्फ के डर से मुक्त हो, क्योंकि कांग्रेस के शासन में बने वक्फ कानून का अर्थ था—”खाता न बही, जो वक्फ कहे वही सही।”
विधेयक को बताया ‘उम्मीद’
अनुराग ठाकुर ने वक्फ बिल की पैरवी करते हुए इसे ‘उम्मीद’ करार दिया, जिसका अर्थ उन्होंने “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास” बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सशक्तिकरण और पारदर्शिता लाने का प्रयास है, जिसे देशभर से समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने इस संदर्भ में कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया, चर्च ऑफ भारत, केरल काउंसिल ऑफ चर्चेज, केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसे संगठनों का जिक्र किया, जिन्होंने बिल का समर्थन किया है। ठाकुर ने इन संस्थानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विधेयक तुष्टिकरण की राजनीति का अंत करेगा।
“वक्फ भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया”
भाजपा सांसद ने कहा कि वक्फ से जुड़े मामलों में अपार अनियमितताएं देखी गई हैं, जिससे यह एक भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। इसलिए अब इसे खत्म करने और संशोधित करने की जरूरत है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अब यह तय करना होगा कि देश बाबा साहब के संविधान के साथ चलेगा या फिर वक्फ के पुराने नियमों के साथ।
उन्होंने स्पष्ट किया, “यह विधेयक एक कड़ा संदेश देता है कि भारत में अब बाबा साहब का संविधान चलेगा, मुगलिया फरमान नहीं।”*