भइल कवन गलती कसुरवा , हमसे कोहाई गइला बदरू।
अइला ना अबकी सवनवा, हमसे कोहाई गइला बदरु।।
Category State-City
Publish Date: 26-07-2024
(कोहाई गइला बदरू)
भइल कवन गलती कसुरवा , हमसे कोहाई गइला बदरू।
अइला ना अबकी सवनवा, हमसे कोहाई गइला बदरु।।
धरती से धधकेला ,सगरो अगिनिया ,
दिनवा में सुरुज दहके , रतिया चननिया ।
कहवा लुकाई गइला बदरु ,
छाती पिटी रोवेला किसनवा ।। सवनवा में ना अइला बदरू।।1।।
चार बूँद चुइके, हमके चिढ़ावेला ,
गरजी चमकी - चमकी , अंगुरी विरावेला ।
काहे खिसिआई गइला बदरू ,
बरसेला बम्बई शहरवा ,
सवतिया लोभाई गइला बदरू।।2।।
झूरे रोपावेला , रोपनी के बेरवा ,
झम- झम बरसेला , कटनी के बेरवा।
दिनवा भुलाई गइला बदरू,
काहे सठिआई गइला बदरू ।
"अनीता" देनी तोहके ओरहनवा ।।
सवनवा में ना अइला बदरू।।3।।
भइल कवन गलती कसुरवा , हमसे कोहाई गइला बदरु।
अइला ना अबकी सवनवा , कहवा भुलाई गइला बदरू।।