जानिए विश्वकर्मा जयंती का महत्व व् पूजा का शुभ मुहूर्त
Category Dharm
Publish Date: 16-09-2024
नमोस्तु विश्वरुपाय, विश्वरूपाय ते नम: नमो विश्वात्माभूताय विश्वकर्मा नमोस्तुते।।
यः विश्वस्य शिल्पकारः सः विश्वकर्मा |
अर्थात जो विश्व के शिल्पकार हैं वही विश्वकर्मा जी हैं।
ब्रम्हांड के इंजीनियर कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर साल भाद्रपद मास में सूर्य जब सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करते है उसी दिन मनाई जाती है। 16 सितंबर को शाम 7 बजकर 29 मिनट पर सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, इसलिए अगले दिन 17 सितम्बर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जायेगी।
महत्व
यह पूजा सभी के लिए आवश्यक है क्योकि आज के समय में सारा कामकाज मशीन आधारित है और हम सबके द्वारा विभिन्न प्रकार के उपकरण व्यापार के अलावा दैनिक जीवन में भी प्रयोग मे लाये जाते हैं ।इसलिए हम सभी को विश्वकर्मा भगवान की पूजा करनी चाहिए जिससे उपकरण सुचारू रूप से काम करें और सभी प्रकार के व्यापार में वृद्धि हो और कोई आए बाधा न आए।
पूजनविधि : उपकरणों की साफ-सफाई करें, उसके साथ ही विश्वकर्मा भगवान्की तस्वीर या मूर्ति रखें , और पूरे श्रद्धा के साथ भगवान विश्वकर्मा को धूप ,दीप ,पुष्प ,नैवेद्य आदि अर्पित करें , मोतीचूर के लड्डू, हलवा, खीर आदि का भोग लगाएं तथा प्रसाद वितरित करें | आज के दिन गरीब मसहायों की मदद जरुर करें ।
ज्योर्तिविद तन्मय पंडित
MOB- 9140003052