वैरंग
Category Entertainment
Publish Date: 18-12-2024
-- वैरंग --
प्रभु कृपा ऐसी कर दों,
बल-बुद्धि सभी मुझमें भर दो। छप्पन करोड़ की चौथाई ला कर, मेरे सम्मुख धर दो।।
पंद्रह पैसे का टिकट लगा, हमनें तुमको डाला लेटर।
लेकिन कोई उत्तर मिला नहीं, बैकुंठ नहीं पंहुचा मैटर।।
फिर तीन रिमाइंडर और दिये, उन्हें भी खा गये आप,प्रभु।
हम बैठे -बैठे करते रहे, श्री राम नाम का जाप प्रभु।।
यह दशा देख मैंने अपनी, बुद्धि का घोड़ा मोड़ दिया।
कल सुबह डॉक बॉम्बे में, वैरंग लिफाफा छोड़ दिया।।
दोस्तों - "पाण्डेय" कल्पना व्यर्थ निकली, वैरंग लौट कर आयी थी।
दुगने पैसों के कारण, प्रभु ने नहीं छुड़ाई थी।।
🙏🙏
(उपेंद्र नाथ पाण्डेय )
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