UP Budget Session: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा में महाकुंभ को लेकर सपा पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सनातन धर्म की आस्था से जुड़ा हुआ है और इसे लेकर विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे अफवाहों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष महाकुंभ को लेकर अनर्गल आरोप लगा रहा है, जैसे कि संगम के जल में मानव मल होने का दुष्प्रचार करना। उन्होंने इसे ‘सुनियोजित अफवाह’ बताया और कहा कि महाकुंभ का जल पूरी तरह से नहाने योग्य है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन किसी पार्टी या सरकार का नहीं, बल्कि समाज और सनातन संस्कृति का आयोजन है। यह आयोजन 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया है और दुनिया भर से लोग इसमें भाग ले रहे हैं। उन्होंने विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा), पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग शुरू से ही महाकुंभ का विरोध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा के नेता पहले महाकुंभ का मजाक उड़ा रहे थे, लेकिन अब उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद महाकुंभ में स्नान करने गए थे।
विपक्षी नेताओं पर तंज
सीएम योगी ने विपक्षी नेताओं पर शायरी के माध्यम से भी तंज कसा। उन्होंने कहा,
“बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू,
लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं।
जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा,
वही नसीबों के मारों की बात करते हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के आयोजन में कोई राजनीतिक बिंदु नहीं है और यह सिर्फ एक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसे सभी को सम्मान देना चाहिए।
भगदड़ और सड़क दुर्घटनाओं पर संवेदना
महाकुंभ में हुई भगदड़ और अन्य हादसों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनशील है और हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का इस पर राजनीति करना उचित नहीं है। 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भगदड़ में जो लोग प्रभावित हुए थे, उनके परिवारों के प्रति सरकार की संवेदना है।
अफवाह फैलाने वाले कौन लोग?
सीएम योगी ने विधानसभा में उन लोगों को भी कटघरे में खड़ा किया जिन्होंने महाकुंभ और झूंसी के हादसों से संबंधित काहिरा, नेपाल और झारखंड के वीडियो को जोड़कर अफवाहें फैलाने की कोशिश की। उन्होंने पूछा कि आखिर ये लोग कौन हैं जो झूठी जानकारी फैलाकर समाज में भ्रम उत्पन्न कर रहे हैं?
हिंदी, उर्दू और क्षेत्रीय भाषाओं पर विवाद
विधानसभा में उर्दू के इस्तेमाल को लेकर भी विवाद उठ खड़ा हुआ। नेता प्रतिपक्ष ने सदन की कार्यवाही में उर्दू को भी शामिल करने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि सपा के लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन दूसरों को उर्दू पढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सपा के लोग देश को “कठमुल्लापन” की ओर ले जाना चाहते हैं।
वहीं, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हम अंग्रेजी भाषा को किसी पर नहीं थोप रहे हैं, बल्कि सदन के सदस्यों को सुविधा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सदन की कार्यवाही हिंदी में ही होगी, लेकिन सदस्य अपनी भाषाओं में भी बात कर सकते हैं।
बिजली के निजीकरण पर विपक्ष का विरोध
विपक्ष ने राज्य सरकार के बिजली विभाग के निजीकरण के प्रस्ताव का विरोध किया, जिसका आरोप था कि इससे बिजली की दरें बढ़ सकती हैं। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि बिजली का निजीकरण राज्य के विकास के लिए जरूरी है और कर्मचारियों के हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान बिजली विभाग को भारी घाटा हुआ था, जिसे इस सरकार ने कम करने का प्रयास किया है।
UP Budget 2025: जनकल्याणकारी बजट का एलान
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बजट को जनकल्याणकारी और गरीबों तथा मध्यम वर्ग के हित में बताया। उन्होंने कहा कि बजट का उद्देश्य प्रदेश में ढांचागत विकास को बढ़ावा देना है।
विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी
विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने विपक्ष से अपील की कि वे सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सरकार की आलोचना का अधिकार है, लेकिन यह आलोचना constructive होनी चाहिए।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश विधानसभा के इस बजट सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ से जुड़े विपक्ष के आरोपों और अफवाहों का जोरदार खंडन किया। वहीं, बिजली के निजीकरण, भाषा के मुद्दे और बजट पर भी तीखी बहस हुई।